जंगल की खतरनाक गुफा में मिली रूसी महिला, साथ में उसकी दो बच्चियों को भी किया गया रेस्क्यू, VIDEO

सांकेतिक तस्वीर (Meta AI)
कर्नाटक के गोकर्ण में रामतीर्थ पहाड़ी क्षेत्र के वनों में स्थित एक खतरनाक गुफा से एक रूसी महिला और उसकी दो छोटी बेटियों को 9 जुलाई को रेस्क्यू किया गया. पुलिस ने पाया कि वे वहां खतरनाक परिस्थितियों में रह रही थीं. अधिकारियों ने बाद में पुष्टि की कि महिला, जिसकी पहचान मोही (40) के रूप में हुई है. यह महिला बिजनेस वीजा पर भारत आई थी और वीजा अवधि से 8 वर्ष से अधिक समय तक यहां रुकी है.
गोकर्ण पुलिस के अनुसार, 9 जुलाई को शाम करीब 5 बजे, जब वे पर्यटकों की सुरक्षा की जांच के लिए रामतीर्थ पहाड़ी पर गश्त कर रहे थे, तो गोकर्ण पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक और कर्मचारी एकत्र हुए और पहाड़ी पर वन क्षेत्र के भीतर स्थित गुफा की जांच की. पता चला कि वहां रूसी मूल की विदेशी महिला मोही (40 वर्ष) अपनी दो छोटी बेटियों प्रेया (6 वर्ष 7 माह) और अमा (4 वर्ष) के साथ रह रही थी.
#GokarnaPolice of #uttarakannada found a #Russianwoman #Nina_Kutina and her daughters aged #6and4years living in a #cave in a forest, Her #Visa had expired way back in 2017 and was #overstaying. She has been referred to #FRROfor deportation.#pramod #gokarna pic.twitter.com/XsF2U8CxqB
— Pramod (@pramodankolaVK) July 12, 2025
पूछताछ करने पर विदेशी महिला ने बताया कि वह अपने बच्चों के साथ गोवा से आई है, क्योंकि वह जंगल में रहकर भगवान की पूजा और ध्यान करना चाहती है. पुलिस ने पाया कि गुफा ऐसे क्षेत्र में स्थित थी, जहां भूस्खलन हो सकता था और विषैले वन्यजीवों से घिरी हुई थी, जिससे परिवार के लिए गंभीर खतरा पैदा हो रहा था. खतरों के बारे में बताने के बाद, महिला वहां से जाने के लिए तैयार हो गई.
रूसी महिला और उसके दो छोटे बच्चों को पहाड़ी पर स्थित गुफा से सुरक्षित नीचे उतारा गया. फिर, उनकी इच्छा के अनुसार, उन्हें महिला पुलिसकर्मियों की सुरक्षा में कुमटा तालुका के बंकिकोड्लू गांव में शंकर प्रसाद फाउंडेशन नामक स्वयंसेवी संस्था से जुड़ी योग रत्न सरस्वती स्वामीजी (80 वर्षीय महिला स्वामीजी) के आश्रम में पहुंचाया गया. शुरू में अपनी पहचान बताने में अनिच्छुक मोही ने बाद में पुलिस, महिला एवं बाल कल्याण विभाग और स्वामीजी को जानकारी देते हुए बताया कि उसका और उसकी बेटियों के पासपोर्ट और वीजा गुम हो गए हैं.
हालांकि, गुफा और आसपास के जंगल की बाद में की गई तलाशी के दौरान पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों ने दस्तावेज बरामद किए, जिनसे पता चला कि उनका वीजा 17 अप्रैल, 2017 को समाप्त हो चुका था. कारवार (उत्तर कन्नड़) के पुलिस अधीक्षक ने बेंगलुरु में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) से संपर्क किया. महिला और उसके बच्चों को रूस वापस भेजने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. सुरक्षा के लिए वे फिलहाल महिला स्वागत केंद्र की देखरेख में हैं. अधिकारियों ने बताया कि महिला और उसकी बेटियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए एक महिला पुलिस अधिकारी की निगरानी में 14 जुलाई को बेंगलुरु के शांतिनगर में एफआरआरओ के समक्ष पेश किया जाएगा.