नागपुर में कैसे फैली हिंसा सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बताया

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मुंबई | महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में हुई हिंसा पर मंगलवार को विधानसभा में बयान दिया. उन्होंने बताया कि यह हिंसा एक अफवाह से शुरू हुई जिसमें कहा गया था कि एक प्रतीकात्मक कब्र पर रखी चादर पर धार्मिक चिह्न था जिसे जलाया गया. शाम को यह अफवाह फैली और देखते ही देखते हालात बिगड़ गए. इसके बाद हिंसा भड़क उठी.

फडणवीस ने कहा कि हिंसा में 12 दोपहिया वाहन तोड़े गए और एक क्रेन, दो जेसीबी तथा कुछ चार-पहिया वाहनों में आग लगा दी गई. घटनास्थल पर 80 से 100 लोग जमा हो गए थे. कुछ लोगों पर तलवार से हमला हुआ. उन्होंने कहा कि हालात तब और गंभीर हो गए जब एक पुलिसकर्मी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया. इस हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए जिनमें तीन डीसीपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं. इसके अलावा, पांच आम लोगों को भी चोटें आईं.

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस मामले में पांच अपराध दर्ज किए गए हैं. कानून-व्यवस्था को काबू में करने के लिए 11 थाना क्षेत्रों में लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी लागू की गई है. साथ ही, स्थिति को संभालने के लिए स्टेट रिजर्व पुलिस फोर्स (एसआरपीएफ) की पांच टुकड़ियां तैनात की गई हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने तेजी से कदम उठाए और हालात पर काबू पाया.

फडणवीस ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि सरकार इस मामले में सख्ती से निपटेगी. उन्होंने कहा, “जो भी दोषी हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस ने अच्छा काम किया है और आगे भी कड़ी कार्रवाई होगी.”

भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नागपुर में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जो शांतिपूर्ण आंदोलन में खलल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसी स्थिति फिर से हमारे समाज में देखने को न मिले.

उन्होंने कहा कि यह हिंसा पूर्वनियोजित थी या नहीं, इस पर वह किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं करेंगे. इस बारे में यह सरकार, गृह विभाग और मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं. इस हिंसा में जो भी जिम्मेदार है उसे सबक सिखाना चाहिए.

 


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