दिल्ली : पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बढ़ी मुश्किलें, अब इस मामले में जांच के आदेश
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अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो (आईएएनएस)
नई दिल्ली | आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती हुई नजर आ रही है. केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने उनके आवास, 6 फ्लैग स्टाफ बंगले के नवीनीकरण मामले में जांच का आदेश दिया है.
केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को यह जांच करनी है कि क्या इस आवास (जिसे ‘शीश महल’ कहा जा रहा है) के निर्माण में (भवन निर्माण के) नियमों की अनदेखी की गई थी. इस बंगले का नवीनीकरण 40,000 वर्ग गज (करीब 8 एकड़) में किया गया है और आरोप है कि इसके निर्माण के दौरान कई नियमों की अवहेलना की गई.
यह जांच खासतौर पर इस बात को लेकर की जाएगी कि क्या फ्लैगस्टाफ बंगले के नवीनीकरण के लिए निर्धारित भवन निर्माण के नियमों को तोड़ा गया था या नहीं. इस दौरान इस बात की भी जांच की जाएगी कि क्या सार्वजनिक धन का सही तरीके से उपयोग हुआ है और क्या इस निर्माण में कोई वित्तीय अनियमितताएं पाई गई.
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बता दें कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के नवीनीकरण को लेकर पहले भी विवाद उठ चुके हैं. भाजपा ने दिल्ली में 6 फ्लैग स्टाफ बंगले को ‘शीशमहल’ का नाम दिया है. यह दिल्ली के मुख्यमंत्री का सरकारी आवास है, जहां 2015 से 2024 तक अरविंद केजरीवाल रहे. बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए आवास में नवीनीकरण में करोड़ों खर्च किए. दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा और कांग्रेस ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया था.
सीवीसी की जांच से अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए कानूनी संकट और बढ़ सकता है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सीवीसी की जांच में क्या निष्कर्ष सामने आते हैं और इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है.